Friday, April 7, 2023
meaning of being Picasso पिकासो होने का अर्थ
Ved Prakash Bhardwaj
Today is the death anniversary of Pablo Picasso. On 8 April 1973, the most popular and influential artist of his time said goodbye to this world. When Picasso left this world at the age of 91, he left behind many legends about the creative world of nearly seven decades. The fame and prestige that he got during his lifetime remained a dream for other artists. There were few of his contemporaries who stand up to him. Picasso was one of the figures of art from the early to the mid-20th century. Artists all over the world used to dream of being Picasso at that time. Even today there are many artists who desire acceptance like Picasso. In fact, the meaning of being Picasso was to have the infinite will to create art, to accept innovation, to have courage, and to accept constant dynamism and change. The number of changes seen in Picasso's art from time to time, such an example is not seen in any other artist even today. Picasso did not work for the market but forced the market to work for him.
There have been many artists in modern world art who have changed the course of art. There are many artists who have influenced many generations of artists. Even among such artists, Pablo Picasso seems to be the most different and important because he has not only influenced many generations but left his mark on the art of every era. Many contemporary artists of Picasso worked in different genres, but Picasso appears to stand apart. Not only did he work in many genres, but he also gave birth to many new art styles. The installation art that is popular today was started by Picasso. He also started the art fund from junk. Computers were not so prevalent in Picasso's time, the internet was not there at that time, videography had started and the concept of video art was also born in Germany in the 70s, but it was not that popular at that time. If technical facilities like today were available in Picasso's lifetime, it is not surprising that he would have also done video installations. This was accomplished through the films he made while doing animated canvas and glass paintings.
Picasso worked in every form of art in his time. Apart from painting and drawing, he did a lot of work in graphics, ceramics, and sculpture. He did an installation in a way by making a sculpture of a bull from the seat and handle of a bicycle. Shanti Kapot's drawings given by him to world art became immortal, so classic paintings like Guernica are relevant even today. Cubism is considered to be the beginning of them. Picasso had tremendous energy. He easily assimilated the changes that took place in the art world, which is why he remained important during each art movement. There were many controversies regarding his behavior and personal life, but his presence as an artist was the most important. Continuous working can be said to be his specialty. No list can ever be made of how much work he would have done. Perhaps Picasso himself did not know how much work he had done. Although there were galleries and art writers documenting the works of a popular and celebratory artist like him, for some time now several paintings attributed to Picasso have surfaced on social media that have never been seen before. There is even doubt about the existence of Picasso in many of them. It is not possible to give a final verdict as Picasso did a wide variety of works, constantly experimenting with his work.
वेद प्रकाश भारद्वाज
आज पाब्लो पिकासो की पुण्यतिथि है। 8 अप्रैल 1973 को अपने समय का सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली कलाकार इस दुनिया को अलविदा कह गया था। 91 वर्ष की उम्र में जब पिकासो इस दुनिया से गए तो अपने पीछे करीब सात दशक के रचना संसार को लेकर कई किंवदंतियों को छोड़ गए। अपने जीवनकाल में जो प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा उन्होंने पाई, वैसी दूसरे कलाकारों के लिए सपना ही रही। उनके समकालीन कलाकारों में से कुछ ही थे जो उनके समकक्ष खड़े दिखाई देते हैं। बीसवीं शताब्दी के शुरुआती वर्षों से लेकर मध्य तक कला का एक अर्थ पिकासो था। दुनियाभर के कलाकार उस समय पिकासो होने का सपना देखते थे। आज भी कितने ही कलाकार हैं जो पिकासो जैसी स्वीकार्यता की इच्छा रखते हैं। दरअसल पिकासो होने का अर्थ ही था कला सृजन की असीम इच्छाशक्ति, नवीनता को स्वीकार करना, साहस और निरन्तर गतिशीलता व परिवर्तन को स्वीकार करना। पिकासो की कला में समय-समय पर जितने परिवर्तन दिखाई दिए, वैसा उदाहरण किसी और कलाकार में आज भी देखने को नहीं मिलता। पिकासो ने बाजार के लिए काम नहीं किया बल्कि बाजार को अपने लिए काम करने के लिए मजबूर कर दिया।
आधुनिक विश्व कला में कई कलाकार ऐसे हुए हैं जिन्होंने कला की धारा ही बदल दी। कई कलाकार हैं जिन्होंने कलाकारों की कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है। ऐसे कलाकारों के बीच भी पाब्लो पिकासो सबसे अलग और महत्वपूर्ण प्रतीत होते हैं तो इसलिए कि उन्होंने कई पीढ़ियों को ही नहीं हर दौर की कला को प्रभावित किया है, उसपर अपनी छाप छोड़ी है। पिकासो के समकालीन कई कलाकारों ने विभिन्न विधाओं में काम किया पर पिकासो सबसे अलग खड़े दिखाई देते हैं। उन्होंने अनेक विधाओं में तो काम किया ही, कई नई कला शैलियों को भी जन्म दिया। आज जिस इंस्टालेशन कला की धूम है, उसकी शुरुआत पिकासो ने ही की थी। कबाड़ से कला का फंडा भी उन्होंने ही शुरू किया था। पिकासो के समय में कम्प्यूटर इतना प्रचलित नहीं था, इंटरनेट उस समय नहीं था, वीडियोग्राफी शुरू हो गई थी और जर्मनी में 70 के दशक में वीडियो आर्ट की अवधारणा भी जन्म ले चुकी थी, पर वह उस समय उतनी लोकप्रिय नहीं थी। यदि आज जैसी तकनीकी सुविधाएं पिकासो के जीवनकाल में रही होतीं तो कोई आश्चर्य नहीं होता कि वह वीडियो इंस्टालेशन भी कर चुके होते। इसकी पूर्ति उन्होंने एनिमेटेड कैनवास और ग्लास पेंटिंग्स करते हुए बनाई फिल्मों के माध्यम से कर दी थी।
पिकासो ने अपने समय में कला के हर स्वरूप में काम किया। उन्होंने पेंटिंग व ड्राइंग के अलावा ग्राफिक्स, सेरामिक, स्कल्पचर में खूब काम किया। साइकिल की सीट और हैंडल से बुल का स्कल्पचर बनाकर उन्होंने एक तरह से इंस्टालेशन ही किया था। विश्व कला को उनका दिया शांति कपोत का ड्राइंग अमर हो गया तो गेरनिका जैसी क्लासिक पेंटिंग आज भी प्रासंगिक है। क्यूबिज़्म की शुरुआत उनसे मानी जाती है। पिकासो में जबरदस्त ऊर्जा थी। वह कला की दुनिया में होने वाले परिवर्तनों को आसानी से आत्मसात कर लेते थे, इसीलिए वह प्रत्येक कला आंदोलन के समय में महत्वपूर्ण बने रहे। उनके व्यवहार और निजी जीवन को लेकर कई विवाद भी रहे पर एक कलाकार के रूप में उनकी उपस्थिति सबसे महत्वपूर्ण रही। लगातार काम करते रहना उनकी खासियत कही जा सकती है। उन्होंने कितने काम किए होंगे, इसकी कोई सूची शायद ही कभी बन पाए। शायद पिकासो को खुद पता नहीं था कि उन्होंने कितना काम किया था। हालांकि उनके जैसे लोकप्रिय और सेलेबल कलाकार के कामों का दस्तवेजीकरण करने वाली गैलरियां और कला लेखक उस समय थे पर इधर कुछ समय से सोशल मीडिया पर पिकासो के नाम पर कई ऐसी पेंटिंग्स सामने आई हैं जो पहले कभी देखी नहीं गईं। उनमें से कई पर तो पिकासो की होने को लेकर संदेह भी है। कोई अंतिम निर्णय दे पाना संभव नहीं है क्योंकि पिकासो ने कई तरह के काम किए, लगातार अपने काम में प्रयोग करते रहे।
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